All satsangis should always renounce all harmful addictions, as addictions cause numerous illnesses and miseries. (26)
सभी सत्संगी हर प्रकार के दुर्व्यसनों का सदैव त्याग करें। क्योंकि व्यसन अनेक रोगों तथा दुःखों का कारण है। (२६)
27
सुराभङ्गातमालादि यद् यद् भवेद्धि मादकम्।
तद् भक्षयेत् पिबेन्नैव धूम्रपानमपि त्यजेत्॥२७॥
One should never consume intoxicating substances, such as alcohol, bhang and tobacco. One should also refrain from smoking. (27)
मदिरा, भाँग, तम्बाकू इत्यादि जो भी पदार्थ मादक हों उन्हें कभी भी न खाएँ, न ही पीएँ तथा धूम्रपान का भी त्याग करें। (२७)
28
परित्याज्यं सदा द्यूतं सर्वैः सर्वप्रकारकम्।
त्यक्तव्यो व्यभिचारश्च नारीभिः पुरुषैस्तथा॥२८॥
All women and men should never engage in any form of gambling or adultery. (28)
सभी महिलाएँ तथा पुरुष हर प्रकार के जुए तथा व्यभिचार का त्याग करें। (२८)
29
मांसं मत्स्यं तथाऽण्डानि भक्षयेयुर्न कर्हिचित्।
पलाण्डुं लशुनं हिङ्गु न च सत्सङ्गिनो जनाः॥२९॥
Satsangis should never eat meat, fish, eggs, onions, garlic or hing. (29)
सत्संगी जन मांस, मछली, अंडे तथा प्याज, लहसुन और हींग कदापि न खाएँ। (२९)
30
पातव्यं गालितं पेयं जलं दुग्धादिकं तथा।
खाद्यं पानमशुद्धं यद् गृह्णीयाद् वस्तु तन्नहि॥३०॥
One should consume water, milk and other drinkable items [only] after they have been filtered. Food items and beverages that are forbidden should never be consumed. (30)
जल तथा दूध इत्यादि पेय पदार्थ छाने हुए ही ग्रहण करें। जो खाद्य वस्तु तथा पेय अशुद्ध हों, उन्हें कदापि ग्रहण न करें। (३०)